इस ज़माने की बंदिशें बहुत हैं

 

बंदिशें बहुत हैं इस ज़माने में मेरी जान
मैं ये अक्सर भूल जाता हू तुझे देखने के बाद

शिकायतें ये भी है ज़माने की तेरी आँखों से
अब कौन रहेगा जिंदा तेरी आँखों से लड़ने के बाद

मर्ज़ हैं मेरी जान तेरी मुस्कराहट हर ग़म का
हुआ मालूम मुझे ये तुझसे दिल लगाने के बाद

Comments

Popular posts from this blog

Iss baar tu

Qayamat dekha hai?

काश !! ❤️